Thursday, 22 November 2012

*** जय साई राम **

खुदा अपने हाथो से
कभी बनाता,
कभी मिटाता,
देख मिटटी के खिलोने,
हंसता हंसाता !
बचपन, जवानी, बुडापा
क्या है ?
“साईं“ भकती में रहने वाला
मजे में जिए जाता !


ॐ साईं राम
*** जय साई राम **

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