Thursday, 15 November 2012

om sai ram


3 comments:

  1. पलक झुके और नमन हो जाए,
    मस्तक झुके और वंदन हो जाए,
    ऐसी नज़र कंहाँ से लाऊँ मेरे साईं,
    आप को याद करूँ और आप के दर्शन होजाएँ
    ...

    ♥ॐ साई राम ♥

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  2. " परेशान नहीं करती उनको जिंदगी की ठोकरे

    जिन्हें साईं का नाम लेकर संभल जाने की आदत हो "


    OM SAI RAM

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  3. ऐ मेरे साईं !
    मेरी खुशनसीबी के लिए ये ही काफी है कि मै
    तेरा बच्चा हूँ
    और मेरे फखर के लिए ये ही काफी है कि तू
    ही मेरा मुरशद है ...
    ...तू वैसा ही है जैसा मैं चाहता हूँ ... बस तू मुझे
    वैसा बना दे जैसा तू चाहता है.....

    OM RAI RAM.

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